सिडनी, १ अक्टूबर २०१८
हिन्दू धर्म का कुछ हिन्दुओं ने सदियों से अपने फायदे के लिए दुरूपयोग किया है, और हिन्दू धर्म का अत्यंत नुक्सान किया है. यह अब भी जारी है. ऐसे हिन्दुओं का सम्बन्ध धर्म से बहुत कम पर अपने निजी फायदे व अपनी राजनीति से ज्यादा है. ये नकली हिन्दू है. हिन्दू होने का बस केवल नाटक करते है यह लोग. इन्ही की गतिविधियों से भारत देश में आज हिन्दुओं में इतना विघटन है. ऐसे लोग हर जगह है. ऑस्ट्रेलिया में भी है. ऑस्ट्रेलिया क़े नकली व तथाकथित हिन्दू नेता हिन्दू समाज को कंट्रोल करने का इरादा रखते है. अपनी एक ख़ास राजनैतिक सोच थोपना चाहते है. वे लोग हिन्दुओं क़े मठाधीश बनना चाहते हैं. वे यह चाहते हैं कि हर हिन्दू उनसे आज्ञा लेकर ही हिन्दू धर्म से सम्बंधित कोई काम करे. कुछ समय पहले अन्य लोगों द्वारा भी एक ख़ास मेला करने पर उनपर दवाव डाला गया कि वे मेला न करे. उनको बुली करने का प्रयाश किया गया. जब दवाव असफल हो गया तो मोहल्ले मोहल्ले में अपना वही मेला करने की पद्यति शुरू करना भी इनकी गतिविधिया हैं. इसके पीछे धर्म नहीं कुछ और ही कारण हैं. ये तथाकथित व नकली हिन्दू नेता सोचने को तैयार ही नहीं बल्कि अक्षम भी हैं कि हिन्दू धर्म व राजनैतिक सोच दो अलग अलग बाते हैं. अजीब नौटंकी सोच हैं इनकी. मजाक तो यह भी हैं कि अब ये लोग देश भक्त व कौन सच्चा हिन्दू हैं कौन नहीं हैं का तमगा भी देते घूम रहे हैं. किसके पोस्टर में किसका लोगो (चिन्ह) लगे, इसपर भी इनका कन्ट्रोल रहे ऐसा ये लोग चाहते है. आप को पता ही होगा कि कर्म के आधार पर बनी व परिवर्तनशील वर्ण प्रथा को जन्म पर आधारित व अपरिवर्तनशील वर्ण प्रथा में बदलना एक स्वार्थ पर आधारित घोर अन्याय व अनुचित कुकृत्य था. आपको यह भी पता ही होगा की यह कुकृत्य किसने किया था. आँखे खोलेंगे तो देंखेंगें की वही लोग अभी भी वैसी हरकते कर रहे हैं. सामने न भी हों तो परदे क़े पीछे से कठपुतिलियों को संचालित करके अपना पुराना हथकंडा चला रहे हैं. हिन्दू धर्म को अपने निजी हितों में दुरूपयोग करना बंद होना चाहिए. इसके लिए हम सभी हिन्दुओं को इन स्वार्थी तत्वों के द्वारा इस इस प्रकार के हिन्दू धर्म के दुरूपयोग के खिलाफ बोलना पड़ेगा. इन हिन्दू धर्म के ठेकेदारों से यह कहना होगा कि तुम लोग सुधर जाओ और सही रास्ते में आ जाओ. अब हमें बोलना होगा “तुम आवाज़ दो, हम साथ हैं” इन चालू लोगो को ठीक करने में. क्योंकि हिन्दू धर्म किसी की बपौती नहीं है.